A Night of Temptation || एक रात की तमन्ना

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 शहर की चमकती हुई रोशनी बारिश से भीगे फुटपाथ पर लाल और नीले रंग बिखेर रही थी। बारिश अभी-अभी थमी थी, और हवा में भीगी मिट्टी और पेट्रोल की मिली-जुली खुशबू थी। शहर के बीचों-बीच एक आलीशान लाउंज में, अवा बार काउंटर पर बैठी थी। उसकी लाल रंग की ड्रेस उसके जिस्म से ऐसे लिपटी थी जैसे दूसरी त्वचा।


उसने धीरे-धीरे अपनी मार्टिनी का स्वाद लिया, उसकी जुबान पर शराब की तीखी मिठास घुल गई।

उसकी नज़रें बार के दूसरी ओर बैठे एक अनजान शख्स पर पड़ीं—काले, गहरे और रहस्यमयी आँखों वाला आदमी, जिसकी जबड़े की बनावट किसी देवता की मूर्ति जैसी लग रही थी। उसने हल्की सी मुस्कान दी, जैसे उसे अपने असर का अंदाज़ा हो।

अवा इतनी जल्दी किसी के आकर्षण में नहीं आती थी, मगर आज रात कुछ अलग था। शायद उसकी नज़रें, या शायद वो दिलकश अंदाज़, जिससे उसका दिल तेज़ी से धड़क उठा। आखिरकार, वो आदमी उठकर उसकी तरफ बढ़ा, हर कदम में आत्मविश्वास झलक रहा था। “तुम्हें देखकर लगता है कि तुम्हें खतरे का मज़ा आता है,” उसकी आवाज़ रेशम जैसी मुलायम थी।

अवा ने हल्का सा सिर झुका कर उसे देखा, भौंहें उठाते हुए। “और तुम पूरे मुसीबत लगते हो।”

आदमी की हंसी हल्की लेकिन दिलकश थी। “सिर्फ़ वही मुसीबत जो यादगार बन जाए।”

उनकी बातचीत आसानी से बहती चली गई, हर शब्द में अनकही चाहत झलक रही थी। उनके बीच की कशिश इतनी तीव्र थी कि मानो हवा में बिजली दौड़ रही हो। और फिर, बिना किसी झिझक के, वे दोनों बाहर निकल पड़े, शहर की रफ्तार को पीछे छोड़ते हुए।

होटल का कमरा हल्की सुनहरी रोशनी में नहाया हुआ था, खिड़की पर बारिश की बूंदें हल्की थाप दे रही थीं। अवा दीवार से टिककर खड़ी थी, उसकी नज़रें उस आदमी पर जमीं थीं, जो अपनी टाई ढीली कर रहा था, उसकी आँखें बस अवा को देख रही थीं।

उत्सुकता और रोमांच की हलचल उसके अंदर तेज़ हो रही थी। हर लम्हा खिंचता जा रहा था, जैसे कोई इम्तिहान हो।

फिर, जैसे ही उनके बीच की दूरी खत्म हुई, उनके होंठ एक जलते हुए अहसास में मिल गए, एक ऐसी आग में, जिसे बुझाने की कोई ख्वाहिश नहीं थी। हाथ भटकते रहे, कपड़े कहीं खो गए, और बाहरी दुनिया जैसे कहीं गायब हो गई।

उस रात, उन्होंने खुद को पूरी तरह से इच्छाओं के हवाले कर दिया। एक-दूसरे में खोकर, अपने भीतर के जुनून को महसूस किया, यह जानते हुए कि सुबह की पहली किरण के साथ हकीकत लौट आएगी। मगर फिलहाल, उस हल्की रोशनी में, उनके लिए सिर्फ एक चीज़ मायने रखती थी—एक-दूसरे के अहसास में पूरी तरह से डूब जाना, ज़िन्दगी को एक रात के लिए बेइंतेहा महसूस करना।

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